⛅ दिनांक 21 जून 2020
⛅ दिन – रविवार
⛅ विक्रम संवत – 2077 (गुजरात – 2076)
⛅ शक संवत – 1942
⛅ अयन – दक्षिणायन
⛅ ऋतु – वर्षा
⛅ मास – आषाढ़ (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार ज्येष्ठ)
⛅ पक्ष – कृष्ण
⛅ तिथि – अमावस्या दोपहर 12:10 तक तत्पश्चात प्रतिपदा
⛅ नक्षत्र – मृगशिरा दोपहर 01:02 तक तत्पश्चात आर्द्रा
⛅ योग – गण्ड दोपहर 01:46 तक तत्पश्चात वृद्धि
⛅ राहुकाल – शाम 05:31 से शाम 07:12 तक
⛅ सूर्योदय – 05:58
⛅ सूर्यास्त – 19:21
⛅ दिशाशूल – पश्चिम दिशा में
⛅ व्रत पर्व विवरण – कंकणाकृति सूर्यग्रहण (सुरत में ग्रहण-समय सुबह 10:01 से दोपहर 01:33 तक) (भारत में दिखेगा, नियम पालनीय
💥 विशेष – अमावस्या के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
🌞 ~ हिन्दू पंचांग ~ 🌞

🌷 ग्रहण के समय निर्देश 🌷
✔ करने योग्य
🌘 1. ग्रहण के समय भगवान का चिंतन, जप, ध्यान करने पर उसका लाख गुना फल मिलता है , ग्रहण के समय हज़ार काम छोड़ कर मौन और जप करिए l
🌘 2. ग्रहण लगने के पहले खान – पान ऐसा करिए कि आपको बाथरूम में ना जाना पड़े l
❌ ना करने योग्य
🌘 1. ग्रहण के समय सोने से रोग बढ़ते हैं l
🌘 2. ग्रहण के समय सम्भोग करने से सुअर की योनि मिलती है l
🌘 3. ग्रहण के समय मूत्र त्याग नहीं करना चाहिए, दरिद्रता आती है l
🌘 4. ग्रहण के समय धोखाधड़ी और ठगाई करने से सर्पयोनि मिलती है l
🌘 5. ग्रहण के समय शौच नहीं जाना चाहिए, वर्ना पेट में कृमि होने लगते हैं l
🌘 6. ग्रहण के समय जीव-जंतु या किसी की हत्या हो जाय तो नारकीय योनि में जाना पड़ता है l
🌘 7. ग्रहण के समय भोजन व मालिश करने वाले को कुष्ट रोग हो जाता है l
🌘 8. ग्रहण के समय पत्ते, तिनके, लकड़ी, फूल आदि नहीं तोड़ने चाहिए l
🌘 9. स्कन्द पुराण के अनुसार ग्रहण के समय दूसरे का अन्न खाने से १२ साल का किया हुआ जप, तप, दान स्वाहा हो जाता है l
🌘 10. ग्रहण के समय अपने घर की चीज़ों में कुश, तुलसी के पत्ते अथवा तिल डाल देने चाहिए l
🌘 11. ग्रहण के समय रुद्राक्ष की माला धारण करने से पाप नाश हो जाते हैं l
🌘 12. ग्रहण के समय दीक्षा अथवा दीक्षा लिए हुए मंत्र का जप करने से सिद्धि हो जाती है l
🙏🏻 पूज्य बापूजी – उज्जैन 14th Jan. 2010
🌞 ~ हिन्दू पंचांग ~ 🌞

🌷 भारत के कुछ प्रमुख स्थानों के ग्रहण-समय 🌷
➡ अहमदाबाद सुबह 10:03 से दोपहर 01:33 तक
➡ दिल्ली सुबह 10:20 से दोपहर 01:49 तक
➡ सुरत व नाशिक सुबह 10:01 से दोपहर 01:33 तक
➡ गुवाहाटी सुबह 10:57 से दोपहर 02:25 तक
➡ जोधपुर सुबह 10:08 से दोपहर 01:37 तक
➡ लखनऊ सुबह 10:26 से दोपहर 01:59 तक
➡ भोपाल सुबह 10:14 से दोपहर 01:48 तक
➡ रायपुर (छत्तीसगढ़) सुबह 10:25 से दोपहर 02:00 तक
➡ जम्मू सुबह 10:14 से दोपहर 01:42 तक
➡ चंडीगढ़ सुबह 10:22 से दोपहर 01:48 तक
➡ राँची व पटना सुबह 10:36 से दोपहर 02:10 तक
➡ कोलकता सुबह 10:46 से दोपहर 02:18 तक
➡ भुवनेश्वर सुबह 10:37 से दोपहर 02:10 तक
➡ चेन्नई सुबह 10:22 से दोपहर 01:42 तक
➡ बेंगलुरु सुबह 10:12 से दोपहर 01:33 तक
➡ हैदराबाद सुबह 10:14 से दोपहर 01:45 तक
➡ नागपुर सुबह 10:17 से दोपहर 01:51 तक
➡ मुंबई सुबह 10:00 से दोपहर 01:28 तक
🌷 विदेश के कुछ प्रमुख स्थानों के ग्रहण-समय
➡ काठमांडू (नेपाल) सुबह 10:43 से दोपहर 02:25
➡ एथेंस (ग्रीस) सुबह 07:48 से सुबह 09:12
➡ बाकू (अजरबैजान) सुबह 08:46 से दोपहर 11:05
➡ हगटना (यू.एस.ए.) शाम 05:25 से शाम 06:51
➡ नैरोबी (केन्या) सुबह 06:46 से सुबह 09:04
➡ दुबई (यू.एस.ए.) सुबह 08:14 से दोपहर 11:13
➡ हाँगकाँग दोपहर 02:36 से 05:25
👉🏻 विदेश के स्थानों के समय स्थानीय समयानुसार
🙏🏻 ऋषि प्रसाद – मई 2020 से
🌞 ~ हिन्दू पंचांग ~ 🌞

🌷 गुप्त नवरात्रि 🌷
🙏🏻 हिंदू धर्म के अनुसार, एक साल में चार नवरात्रि होती है, लेकिन आम लोग केवल दो नवरात्रि (चैत्र व शारदीय नवरात्रि) के बारे में ही जानते हैं। इनके अलावा आषाढ़ तथा माघ मास में भी नवरात्रि का पर्व आता है, जिसे गुप्त नवरात्रि कहते हैं। इस बार आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्रि का प्रारंभ आषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा (22 जून, सोमवार) से होगा, जो आषाढ़ शुक्ल नवमी (29 जून, सोमवार) को समाप्त होगी।
👺 शत्रु को मित्र बनाने के लिए 👺
🙏🏻 नवरात्रि में शुभ संकल्पों को पोषित करने, रक्षित करने, मनोवांछित सिद्धियाँ प्राप्त करने के लिए और शत्रुओं को मित्र बनाने वाले मंत्र की सिद्धि का योग होता है।
🙏🏻 नवरात्रि में स्नानादि से निवृत हो तिलक लगाके एवं दीपक जलाकर यदि कोई बीज मंत्र ‘हूं’ (Hum) अथवा ‘अं रां अं’ (Am Raam Am) मंत्र की इक्कीस माला जप करे एवं ‘श्री गुरुगीता’ का पाठ करें तो शत्रु भी उसके मित्र बन जायेंगे l
👩🏻 माताओं बहनों के लिए विशेष कष्ट निवारण हेतु प्रयोग 1
👩🏻 जिन माताओं बहनों को दुःख और कष्ट ज्यादा सताते हैं, वे नवरात्रि के प्रथम दिन (देवी-स्थापना के दिन) दिया जलायें और कुम-कुम से अशोक वृक्ष की पूजा करें ,पूजा करते समय निम्न मंत्र बोलें :
🌷 “ अशोक शोक शमनो भव सर्वत्र नः कुले ”
” ASHOK SHOK SHAMNO BHAV SARVATRA NAH KULE ”
🙏🏻 भविष्योत्तर पुराण के अनुसार नवरात्रि के प्रथम दिन इस तरह पूजा करने से माताओ बहनों के कष्टों का जल्दी निवारण होता है l
👩🏻 माताओं बहनों के लिए विशेष कष्ट निवारण हेतु प्रयोग 2
🙏🏻 शुक्ल पक्ष तृतीया (24 जून, बुधवार) के दिन में सिर्फ बिना नमक मिर्च का भोजन करें l (जैसे दूध, रोटी या खीर खा सकते हैं, नमक मिर्च का भोजन अगले दिन ही करें l)
🌷 • ” ॐ ह्रीं गौरये नमः ”
“Om Hreem Goryaye Namah”
🙏🏻 मंत्र का जप करते हुए उत्तर दिशा की ओर मुख करके स्वयं को कुम -कुम का तिलक करें l
🐄 गाय को चन्दन का तिलक करके गुड़ और रोटी खिलाएं l
💰 श्रेष्ठ अर्थ (धन) की प्राप्ति हेतु 💰
➡ प्रयोग : नवरात्रि में देवी के एक विशेष मंत्र का जप करने से श्रेष्ठ अर्थ कि प्राप्ति होती है मंत्र ध्यान से पढ़ें :
🌷 ” ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमल-वासिन्ये स्वाह् ”
” OM SHREEM HREEM KLEEM AIM KAMALVAASINYE SWAHA ”

👦🏻 विद्यार्थियों के लिए 👦🏻
🙏🏻 प्रथम नवरात्रि के दिन विद्यार्थी अपनी पुस्तकों को ईशान कोण में रख कर पूजन करें और नवरात्रि के तीसरे तीन दिन विद्यार्थी सारस्वत्य मंत्र का जप करें।
📖 इससे उन्हें विद्या प्राप्ति में अपार सफलता मिलती है l
बुद्धि व ज्ञान का विकास करना हो तो सूर्यदेवता का भ्रूमध्य में ध्यान करें ।
🙏🏻 जिनको गुरुमंत्र मिला है वे गुरुमंत्र का, गुरुदेव का, सूर्यनारायण का ध्यान करें। अतः इस सरल मंत्र की एक-दो माला नवरात्रि में अवश्य करें और लाभ लें l
🙏🏻 –(वेद-व्यास जी , देवी भागवत)
🙏🏻 -श्री सुरेशानंद जी
🙏🏻 स्त्रोत: ऋषि प्रसाद, अप्रैल 2006 – सितम्बर 2006 , पृष्ठ संख्या 11, अंक 165 -सितम्बर 2011, पृष्ठ संख्या 11, अंक 225

📖 हिन्दू पंचांग संपादक ~ अंजनी निलेश ठक्कर
📒 हिन्दू पंचांग प्रकाशित स्थल ~ सुरत शहर (गुजरात)
🌞 ~हिन्दू पंचांग ~🌞
🙏🏻🌷🌻🍀🌹🌼💐🌺🌸🙏🏻

By upnews

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