आज का हिन्दू पंचांग ~ 🌞
⛅ दिनांक 01 जून 2020
⛅ दिन – सोमवार
⛅ विक्रम संवत – 2077 (गुजरात – 2076)
⛅ शक संवत – 1942
⛅ अयन – उत्तरायण
⛅ ऋतु – ग्रीष्म
⛅ मास – ज्येष्ठ
⛅ पक्ष – शुक्ल
⛅ तिथि – दशमी शाम 02:57 तक तत्पश्चात एकादशी
⛅ नक्षत्र – हस्त 02 जून रात्रि 01:03 तक तत्पश्चात चित्रा
⛅ योग – सिद्धि दोपहर 01:18 तक तत्पश्चात व्यतिपात
⛅ राहुकाल – सुबह 07:25 से सुबह 09:05 तक
⛅ सूर्योदय – 05:57
⛅ सूर्यास्त – 19:14
⛅ दिशाशूल – पूर्व दिशा में
⛅ व्रत पर्व विवरण – गंगा दशहरा समाप्त
💥 *विशेष –
🌞 ~ हिन्दू पंचांग ~ 🌞

🌷 एकादशी व्रत के लाभ 🌷
➡ 01 जून 2020 सोमवार को दोपहर 02:58 से 02 जून मंगलवार को दोपहर 12:04 तक एकादशी है ।
💥 विशेष – 02 जून मंगलवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखें ।
🙏🏻 एकादशी व्रत के पुण्य के समान और कोई पुण्य नहीं है ।
🙏🏻 जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।
🙏🏻 जो पुण्य गौ-दान सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।
🙏🏻 एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं ।इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है ।
🙏🏻 धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है ।
🙏🏻 कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है ।
🙏🏻 परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्त होती है ।पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, राजा गाधी आदि जिन्होंने भी एकादशी का व्रत किया, उन्हें इस पृथ्वी का समस्त ऐश्वर्य प्राप्त हुआ ।भगवान शिवजी ने नारद से कहा है : एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है । एकादशी के दिन किये हुए व्रत, गौ-दान आदि का अनंत गुना पुण्य होता है ।
🙏🏻 प्रेरणामूर्ति भारती श्रीजी
🌞 ~ हिन्दू पंचांग ~ 🌞

🌷 एकादशी के दिन करने योग्य 🌷
🙏🏻 एकादशी को दिया जला के विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें …….विष्णु सहस्त्र नाम नहीं हो तो १० माला गुरुमंत्र का जप कर लें l अगर घर में झगडे होते हों, तो झगड़े शांत हों जायें ऐसा संकल्प करके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें तो घर के झगड़े भी शांत होंगे l
🙏🏻 Sureshanandji Haridwar 11.02.2010
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🌷 एकादशी के दिन ये सावधानी रहे 🌷
🙏🏻 महीने में १५-१५ दिन में एकादशी आती है एकादशी का व्रत पाप और रोगों को स्वाहा कर देता है लेकिन वृद्ध, बालक और बीमार व्यक्ति एकादशी न रख सके तभी भी उनको चावल का तो त्याग करना चाहिए एकादशी के जो दिन चावल खाता है… तो धार्मिक ग्रन्थ से एक- एक चावल एक- एक कीड़ा खाने का पाप लगता है…ऐसा डोंगरे जी महाराज के भागवत में डोंगरे जी महाराज ने कहा
🙏🏻 – पूज्य बापूजी मुंबई 1/1/2012
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🌷 व्यतिपात योग 🌷
🙏🏻 व्यतिपात योग की ऐसी महिमा है कि उस समय जप पाठ प्राणायम, माला से जप या मानसिक जप करने से भगवान की और विशेष कर भगवान सूर्यनारायण की प्रसन्नता प्राप्त होती है जप करने वालों को, व्यतिपात योग में जो कुछ भी किया जाता है उसका १ लाख गुना फल मिलता है।
🙏🏻 वाराह पुराण में ये बात आती है व्यतिपात योग की।
🙏🏻 व्यतिपात योग माने क्या कि देवताओं के गुरु बृहस्पति की धर्मपत्नी तारा पर चन्द्र देव की गलत नजर थी जिसके कारण सूर्य देव अप्रसन्न हुऐ नाराज हुऐ, उन्होनें चन्द्रदेव को समझाया पर चन्द्रदेव ने उनकी बात को अनसुना कर दिया तो सूर्य देव को दुःख हुआ कि मैने इनको सही बात बताई फिर भी ध्यान नही दिया और सूर्यदेव को अपने गुरुदेव की याद आई कि कैसा गुरुदेव के लिये आदर प्रेम श्रद्धा होना चाहिये पर इसको इतना नही थोडा भूल रहा है ये, सूर्यदेव को गुरुदेव की याद आई और आँखों से आँसु बहे वो समय व्यतिपात योग कहलाता है। और उस समय किया हुआ जप, सुमिरन, पाठ, प्रायाणाम, गुरुदर्शन की खूब महिमा बताई है वाराह पुराण में।
💥 विशेष ~ व्यतिपात योग – 01 जून 2020 सोमवार को दोपहर 01:19 से 02 जून सुबह 09:53 तक व्यतीपात योग है।
🙏🏻 कथा स्रोत – बडोदा २००८ में १२ नवम्बर को सुबह के दीक्षा सत्र में (स्वामी सुरेशानन्द जी के सत्संग से)

📖 हिन्दू पंचांग संपादक ~ अंजनी निलेश ठक्कर
📒 हिन्दू पंचांग प्रकाशित स्थल ~ सुरत शहर (गुजरात)
🌞 ~ हिन्दू पंचाग ~ 🌞

By upnews

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