हिंदु पंचांग के अनुसार निर्जला एकादशी व्रत बहुत ही महत्वपूर्ण है। इस भगवान विष्णु के लिए भक्त पूरे दिन बिना जल और अन्न के व्रत रखते हैं। निर्जला का मतलब ही होता है बिना जल के, इसलिए इस व्रत को निर्जला एकादशी कहते हैं। जिन लोगों में दृढ़ निश्चय, मजबूत इच्छा शक्ति और खुद पर नियंत्रण है वो ही निर्जला एकादशी व्रत रख सकते हैं।
यह व्रत ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की एकादशी को रखा जाता है। इस एकादशी को भीससेनी एकादशी भी कहते हैं। इसका नाम पांडवों के भाई भीम के नाम पर रखा गया है। दरअसल कहा जाता है कि जो लोग एकादशी का कोई व्रत नहीं रखते हैं वो सिर्फ निर्जला एकादशी पर व्रत करके सभी एकादशी का पुण्य पा सकते हैं।