कोरोना वायरस के चलते लगाए गए लॉकडाउन से देश को धीरे-धीरे बाहर निकालने के लिए शीर्ष स्तर पर चर्चा जारी है। कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित पांच राज्यों और 13 शहरों पर लगातार नजर बनाए रखना, सात राज्यों में लौट रहे प्रवासियों की निगरानी करना और कंटेनमेंट जोन में कड़े नियम लागू करना, ये कुछ व्यापक तरीके हो सकते हैं जिनकी मदद से भारत को लॉकडाउन से बाहर निकाला जा सके।

गृह और स्वास्थ्य मंत्रालयों और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के बीच लॉकडाउन से बाहर निकलने के लिए अगले चरण पर आंतरिक चर्चा की गई। बैठक में केंद्र ने कहा कि राज्यों की दो श्रेणियों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इसमें पहला, वो राज्य जहां पिछले ढाई महीनों में बड़ी संख्या में कोविड-19 मामले सामने आए हैं और दूसरा, वो राज्य जहां प्रवासी मजदूर बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं।

महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात, दिल्ली और तमिलनाडु पहली श्रेणी में आते हैं, जबकि बिहार, मध्यप्रदेश, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और झारखंड दूसरी श्रेणी में आते हैं। मध्यप्रदेश का आर्थिक शहर इंदौर कोरोना वायरस का शुरुआती हॉटस्पॉट बनकर उभरा। उसे भी पहली श्रेणी में शामिल किए जाने की संभावना है।

भारत धीरे-धीरे लॉकडाउन से बाहर निकलने की तरफ बढ़ रहा है। केंद्र सरकार ने राज्यों से कहा है कि वे नगरपालिकाओं के भीतर छोटे क्षेत्रों को कंटेनमेंट जोन के रूप में चिह्नित कर सकते हैं। राज्यों को ऐसे क्षेत्रों को उचित रूप से सीमांकन करने के लिए भी कहा गया है और सख्ती बरतनें का भी निर्देश दिया गया है।

बैठक में यह निर्णय लिया गया कि नगर निगम आवासीय कॉलोनी, मोहल्लों, नगरपालिका वार्डों या पुलिस-स्टेशन क्षेत्र, नगरपालिका क्षेत्रों, नगरों को कंटेनमेंट जोन के रूप में नामित कर सकता है।

 

By upnews

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