आंधी का तो था बहाना नारायण स्वरूप पीपल के वृक्ष को द्वार से था हटाना,
हिंदू धर्म की आस्था को हनन करने के लिए हरिओम बाबा ने कटबाया पीपल का वृक्ष,
श्री कृष्ण ने भागवत गीता में कहा है मैं वृक्षों में पीपल उसी पीपल देव का अपमान किया हरिओम बाबा ने,
ज्ञानी ध्यानी संत की आड़ में पाखण्ड के पर्याय हरिओम बाबा ने किया पीपल के पेड़ को धराशाई
गोवर्धन के बड़ी परिक्रमा मार्ग मैं गीता आश्रम में रहने वाले विश्वविख्यात संत गुरु शरणानंद आश्रम के महंत पाखंडी बाबा हरिओम ने पीपल के पेड़ को किया धराशाई जो कि स्वयं श्रीकृष्ण ने कहा है कि मैं वृक्षों में पीपल उसी पीपल को अपने आश्रम के मार्ग से हटावाकर हरिओम बाबा ने न सिर्फ एनजीटी के आदेशों को ठेस पहुंचाया है अपितु हिंदू धर्म की आत्माओं को ठेस भी पहुचाई इस कार्य उपरांत कहां गई वन विभाग गोवर्धन की टीम, कहां गई एनजीटी गोवर्धन कहां है क्या तहसील किचिन के संचालन में हरिओम बाबा के अहसान तले दबे प्रशासन को दिखाई देने के उपरांत भी कोई कार्यवाही नही की जा रही है।
धार्मिक महत्व के अनुसार पीपल वृक्ष का महत्व अश्वत्थ: सर्ववृक्षाणां देवर्षीणां च नारद: !
अश्वत्थ: सर्ववृक्षाणां देवर्षीणां च नारद: ! भगवान श्रीकृष्ण ने गीता के 10 वें अध्याय में कहा है, हे अर्जुन वृक्षों में मैं पीपल हूं और देवर्षियों में नारद! कदम्ब के पेड़ के नीचे रास रचाने वाले श्रीकृष्ण ने खुद की उपमा आखिर पीपल से ही क्यों दी? मैं भी सोचता था!
मुझे इस सदी की सबसे बड़ी औपन्यासिक कृति देने वाले आदरणीय मनु शर्मा जी (उम्र 88 वर्ष) के सान्निध्य में काफी समय तक बनारस में रहने का अवसर प्राप्त हुआ। प्रभात प्रकाशन के लिए मैंने उनकी जीवनी लिखी है, जिसके संपादन का कार्य अभी चल रहा है। मनु शर्मा जी ने भगवान श्रीकृष्ण की आत्मकथा आठ खंडों में और करीब 3000 पृष्ठों में लिखी है, जो आधुनिक साहित्य में सबसे बड़ी कृति है। उन्होंने मुझे समझाया कि आखिर भगवान श्रीकृष्ण ने खुद को पीपल ही क्यों कहा: पीपल में अदभुत जिजीविषा (जीने की चाह) का गुण है। आप उसे उखाड़ कर फेंक दीजिए, वह कहीं भी फिर से उग आएगा। मिट्टी तो मिट्टी वह पत्थर पर भी उग आता है। आपके घर की दीवारों को तोड़ कर उग आता है। भगवान श्रीकृष्ण मानव को यह संदेश देते हैं कि हे मनुष्य तुम सभी में पीपल के समान ही जिजीविषा होनी चाहिए! स्थान को पकड़कर मत बैठो! जहां भी संभावना हो, जैसी भी परिस्थिति हो- तुम्हारे अंदर जीने की चाह बनी रहनी चाहिए! तुम्हारी जड़ें कहीं भी फूट सकती हैं, खुद को ऐसा बनाओ! आखिर भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी जड़ों को मथुरा से उखाड़, द्वारका नगरी को बसाया ही था।
इसके अलावा पीपल का दूसरा गुण भी जीवन देने से जुड़ा है! सभी वृक्षों में सबसे अधिक ऑक्सीजन पीपल का वृक्ष ही देता है। इतना ही नहीं, पीपल एक मात्र वृक्ष है, जो दिन के समान रात में भी ऑक्सीजन देता है। अन्य वृक्ष रात में कार्बनडॉयऑक्साइड छोड़ते हैं, जिसके सन्निकट रात में रहना स्वास्थ्य की दृष्टि से हानिकारक होता है।
हरिओम बाबा के इस कृत्य से लोगों में आक्रोश व्याप्त है।
डॉक्टर केशव आचार्य गोस्वामी