आज का हिन्दू पंचांग ~ 🌞
⛅ दिनांक 13 मई 2020
⛅ दिन – बुधवार
⛅ विक्रम संवत – 2077 (गुजरात – 2076)
⛅ शक संवत – 1942
⛅ अयन – उत्तरायण
⛅ ऋतु – ग्रीष्म
⛅ मास – ज्येष्ठ (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार वैशाख)
⛅ पक्ष – कृष्ण
⛅ तिथि – सप्तमी पूर्ण रात्रि तक
⛅ नक्षत्र – श्रवण पूर्ण रात्रि तक
⛅ योग – शुक्ल 14 मई रात्रि 01:13 तक तत्पश्चातम ब्रह्म
⛅ राहुकाल – दोपहर 12:23 से दोपहर 02:02 तक
⛅ सूर्योदय – 06:02
⛅ सूर्यास्त – 19:07
⛅ दिशाशूल – उत्तर दिशा में
⛅ व्रत पर्व विवरण – सप्तमी वृद्धि तिथि
💥 विशेष – सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ता है था शरीर का नाश होता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
🌞 ~ हिन्दू पंचांग ~ 🌞
🌷 विष्णुपदी संक्रांति 🌷
➡ 14 मई 2020 गुरुवार को विष्णुपदी संक्रांति है ।
🙏🏻 पुण्यकाल: सुबह 10:53 से शाम 05:17 तक | इस में किया गया जप , ध्यान , पुण्य कर्म लाख गुना पुण्यदायी होता है – ( पद्म पुराण , सृष्टि खंड )
🌞 ~ हिन्दू पंचांग ~ 🌞
🌷 अहंकार, चिंता और व्यर्थ का चिंतन मिटाने का मंत्र 🌷
🙏🏻 अहंकार, चिंता और व्यर्थ का चिंतन साधक की शक्ति को निगल जाते हैं | इनको मिटाने के लिए एक सुंदर मंत्र योगी गोरखनाथजी ने बताया है | इसमें कोई विधि – विधान नहीं है | रात को सोते समय इस मंत्र का जप करो, संख्या का कोई आग्रह नहीं है | इस मंत्र से आपके चित्त की चिंता, तनाव, खिंचाव, दिक्कतें जल्दी शांत हो जायेगी और साधन – भजन में बरकत आयेगी | मंत्र उच्चारण में थोडा कठिन जैसा लगेगा लेकिन याद रह जाने पर आसान हो जायेगा | बाहर के रोग तो बाहर की औषधि से मिट सकते हैं लेकिन भीतर के रोग बाहर की औषधि से नहीं मिटेंगे और इस मंत्र से टिकेंगे नहीं |
🙏🏻 हमारी जो जीवनधारा है, जीवनीशक्ति है, चित्तशक्ति है उसीको उद्देश्य करके यह मंत्र है ।
🌷 ॐ चित्तात्मिकां महाचित्तिं चित्तस्वरूपिणीं आराधयामि चित्तजान रोगान शमय शमय ठं ठं ठं स्वाहा ठं ठं ठं स्वाहा |
🙏🏻 ‘हे चित्तात्मिका, महाचित्ति, चित्तस्वरूपिणी ! मैं तेरी आराधना करता हूँ | जगत – शक्तिदात्री भगवती ! मेरे चित्त के रोगों का तू शमन कर |’
🙏🏻 ‘ठं’ बीजमंत्र है, यह बड़ा प्रभाव करता है | किसीमें लोभ, किसीमें मोह, किसीमें शराब पीने का, किसीमें अहंकार का, किसीमें शेखी बधारने का दोष होता है | चित्त में दोष भरे है इसलिए तो चिंता, भय, क्रोध, अशांति है और जन्म – मरण होता है |
🙏🏻 इसके जप से आद्यशक्ति चेतना चित्त के दोषों को दूर कर देती है, चित्त को निर्मल कर देती है | सीधे लेट गये, यह जप किया | जब तक निद्रा न आये तब तक इसका प्रयोग करें | निद्रा आने पर अपने – आप ही छूट जायेगा | रात को जप करके सोने से सुबह तुम स्वस्थ, निर्भय, प्रसन्न होकर उठोगे |
🙏🏻 भगवान के मंत्र हों और भगवान को अपना मानकर प्रीतिपूर्वक जप करें तो चित्त भगवदाकार होकर भगवदरस से पावन हो जाता है | भगवदरस के बिना नीरसता नहीं जाती |
🙏🏻 स्रोत – ऋषि प्रसाद –जुलाई २०१६ से
🌞 ~ हिन्दू पंचांग ~ 🌞
🌷 पुण्यदायी तिथियाँ 🌷
➡️ 14 मई : विष्णुपदी संक्रांति (पुण्यकाल : सुबह 10:53 से शाम 05:17 तक) (ध्यान, जप व पुण्यकर्म का लाख गुना फल )
➡️ 18 मई : अपरा एकादशी (महापापों का नाश )
➡️ 26 मई : मंगलवारी चतुर्थी (सूर्योदय से रात्रि 01:09 तक )
➡️ 28 मई : गुरुपुष्यामृत योग (सूर्योदय से सुबह 07:27 तक) (ध्यान, जप, दान, पुण्य महाफलदायी )
➡️ 02 जून : निर्जला एकादशी (व्रत से अधिक मास सहित 26 एकादशियों के व्रत का फल; स्नान, दान, जप, होम आदि अक्षय फलदायी )
➡️ 08 जून : विद्यालाभ योग (गुजरात-महाराष्ट्र छोड़कर भारतभर में )
➡️ 09 जून : मंगलवारी चतुर्थी (सूर्योदय से रात्रि 07:39)
➡️ 14 जून : षडशीति संक्रांति (पुण्यकाल : दोपहर 12:39 से सूर्यास्त ) (ध्यान, जप व पुण्यकर्म का 86000 गुना फल )
➡️ 17 जून : योगिनी एकादशी (महापापों को शांत कर महान पुण्य देनेवाला तथा 88000 ब्राह्मणों को भोजन कराने का फल प्रदान करनेवाला व्रत )
➡️ 20 जून : दक्षिणायन आरम्भ (पुण्यकाल : सूर्योदय से सूर्यास्त ) (ध्यान, जप व पुण्यकर्म कोटि-कोटि गुना अधिक व अक्षय फलदायी )
➡️ 21 जून : सूर्यग्रहण
🙏🏻 ऋषि प्रसाद – मई 2020 से
📖 हिन्दू पंचांग संपादक ~ अंजनी निलेश ठक्कर
📒 हिन्दू पंचांग प्रकाशित स्थल ~ सुरत शहर (गुजरात)
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