बृन्दावन में मुरली निकुंज चैतन्य बिहार में बृज अधिकार संरक्षण समिति की एक प्रेस वार्ता हुई जिसमें वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण संपूर्ण ब्रज क्षेत्र होली के समय से ही काफी प्रभावित हो गया है इस मुद्दे को प्रमुख रूप से उठाया गया।

वृंदावन मथुरा गोवर्धन जहां लगभग 90% आबादी तीर्थयात्रियों एवं पर्यटन पर आने वाले व्यक्तियों पर ही निर्भर हैं सभी मंदिर धर्मशाला बंद हो चुकी हैं.. और अभी फिलहाल उम्मीद भी नहीं है कब तक खुलेगी.. इस कारण से बृज क्षेत्र का पुरोहित समाज पूरी तरीके से आर्थिक तंगी से जूझ रहा है.. माली समाज जिन्होंने कई एकड़ में फूल आदि का कार्य किया है आज उनके फूलों को खरीदने वाला कोई नहीं.. विश्राम घाट हो या चीर घाट यहां पर निषाद भाई अब उम्मीद भी छोड़ चुके हैं कि कोई आएंगे जिन्हें वह नौका विहार करा कर अपना जीवन यापन कर सकेंगे कर्मकांड एवं धार्मिक कार्यक्रमों में संलग्न वह सभी व्यक्ति जो पूर्णतया सांस्कृतिक कार्यक्रमों पर ही निर्भर थे आज उनकी भी सुध लेने वाला कोई नहीं रहा… परंतु स्वाभिमानी बृजवासी ना तो लाइन में लग पा रहे हैं ना ही किसी से फोन कर सहयोग मांग पा रहे हैं कुछ देवालयो को अगर छोड़ दें तो बहुत सारे ब्रज क्षेत्र में मंदिर ऐसे हैं जहां अब पुजारियों को भी काफी परेशानियां झेलनी पड़ रही है इन सभी की परेशानियों को वृंदावन मथुरा गोवर्धन के कुछ सदस्यों ने ब्रज अधिकार संरक्षण समिति का गठन कर आवाज उठाया है एवं सभी ब्रज वासियों से चाहे वह किसी भी पार्टी से हो किसी भी विचारधारा से हो उन सबको एकत्रित कर आज सब लोग अपने घर बैठकर ही फोन के माध्यम से जन आंदोलन चला रहे हैं अभी कुछ दिनों पूर्व ही माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा 20 लाख करोड़ रुपए का आर्थिक सहयोग संपूर्ण भारत वासियों के लिए प्रदान किया गया है

परंतु ब्रज क्षेत्र के 70% लोग इस लाभ से कोसों दूर हैं जबकि वृंदावन मथुरा गोवर्धन यहां से राज्य एवं केंद्र सरकार को पर्यटन के माध्यम से अन्य जनपदों के अलावा बहुत अधिक राजस्व प्राप्त होता रहा है.. सभी ब्रज वासियों ने हमेशा सरकार का सहयोग भी किया है आज उन्हीं ब्रज वासियों की इच्छा है कि के राज्य एवं केंद्र सरकार उनकी भी सुधि लें और उनके मांगों पर विचार करते हुए “नोडल अधिकारी” नियुक्त कर इस आर्थिक समस्या को दूर करें

इसी परिपेक्ष में ब्रज अधिकार संरक्षण समिति ने 7 सूत्रीय मांग रखा है जो इस प्रकार हैं.

1. बृज क्षेत्र के सभी तीर्थ पुरोहित, सेवायत, शास्त्र प्रवक्ता, वेदपाठी, व अन्य व्यक्ति जो धार्मिक सेवाओं में स्लगन है जिनका परिवार आगंतुक दर्शनार्थियों पर ही निर्भर था, उनको आर्थिक पैकेज में स्थान मिलना चाहिये।

2. वृंदावन एवं ब्रज के फूल विक्रेता, निषाद भाई व छोटे दुकानदार एवं अन्य परिवार जो आकाशवर्त्ति पर निर्भर था, उनको आर्थिक पैकेज में स्थान मिलना चाहिये।

3. सभी टूर एवं ट्रेवल्स के सदस्य जिनकी आमदनी बाहर से आ रहे पर्यटकों पर ही थी, उनको आर्थिक पैकेज में स्थान मिलना चाहिये।

4. सभी ब्रज कलाकार जैसे रासलीला करने वाले एवं लोक संगीत कलाकार जो ब्रज की परंपराओं का निर्बहन करते हुए ब्रज की संस्कृति को बढ़ा रहे थे उन्हें संस्कृति विभाग द्वारा आर्थिक भत्ता जीवन यापन हेतु प्रदान करें।

5. वृंदावन एवं ब्रज क्षेत्र में सभी आश्रम जहां भक्तों को निःशुल्क आवास दिया जाता है
वहां बिजली बिल घरेलू शुल्क लेना चाहिये, तथा लॉक डाउन के दौरान व्यवसायिक विधुत बिल शून्य कर देने की मांग करते है।

6.. गोवर्धन एवं वृंदावन की परिक्रमा में बसे हुए सभी छोटे दुकानदारों को आर्थिक सहयोग प्रदान करें

7. शिक्षण संस्थानों को बंद की अवधि में अविभावक को शिक्षा शुल्क से छूट मिलनी चाहिये।

इस अवसर पर धर्म रक्षा संघ से सौरभ गौड़ जी, बांके बिहारी मंदिर के सिवाय आनंद बल्लभ गोस्वामी जी, मुरली निकुंज निष्काम सेवा ट्रस्ट से आचार्य राजेंद्र जी हरिवंश मिश्रा जी संत राजेंद्र जी समाजसेवी सुधीर शुक्ला आचार्य धर्मेंद्र जी समाजसेवी प्रदीप बनर्जी, राममूर्ति जी आदि उपस्थित थे।

ब्रज अधिकार संरक्षण समिति आप सभी पत्रकारों एवं संपादक महोदय से निवेदन करता है कृपया सामाजिक उद्देश्य के कार्य में हम सभी ब्रिज वासियों का सहयोग करें।

डॉ केशव आचार्य गोस्वामी

By upnews

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