आज सिस्टम के खिलाफ बहुत से लोग सामने आ रहे हैं। जिनमें से एक चौधरी प्रवीण भारतीय है। क्योंकि प्रवीण भारतीय एक पत्रकार रह चुके हैं। फिलहाल वह समाजसेवी है और पत्रकारों के साथ हो रहे अन्याय के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं।
बुलंदशहर के वरिष्ठ पत्रकार एवं बरन पोस्ट के संपादक हरि अंगिरा ने जिला प्रशासन के अधिकारियों से सिर्फ यह पूछा कि जो उत्तर प्रदेश सरकार ने ₹20 करोड़ कोरोना महामारी से लड़ने के लिए गरीबों मजदूरों एवं भोजन की व्यवस्था के लिए भेजे हैं, वह कहां-कहां किस-किस मद में खर्च किए गए हैं। इसी बात से खफा होकर जिला प्रशासन ने अपने ही संविदा कर्मचारियों पर एससी-एसटी में मुकदमा दर्ज करा दिया।
जनपद बुलंदशहर के वरिष्ठ पत्रकार एवं वरिष्ठ समाजसेवी हरि अंगिरा के ऊपर बुलंदशहर प्रशासन के द्वारा फर्जी मुकदमा दर्ज कराने पर करप्शन फ्री इंडिया संगठन के कार्यकर्ताओं ने विरोध दर्ज करते हुए मुख्यमंत्री को संबोधित पत्र एडीएम प्रशासन दिवाकर सिंह को सौंप कर सीबीआई से जांच कराने की मांग की है। विरोध प्रदर्शन संगठन के कोर कमेटी के सदस्य संजय भैया के नेतृत्व में किया गया।
करप्शन फ्री इंडिया संगठन के संस्थापक चौधरी प्रवीण भारतीय ने बताया कि बुलंदशहर प्रशासन द्वारा शासन से कोरोना जंग से लड़ने व जरूरतमंदों गरीब प्रवासी मजदूरों की सहायतार्थ आये ₹20 करोड रुपयों की चर्चा से उत्पीड़ित बुलंदशहर प्रशासन द्वारा वरिष्ठ पत्रकार प्रमुख समाजसेवी हरि अंगिरा के विरुद्ध ईर्ष्या वश एक षड्यंत्र के तहत फर्जी मुकदमा दायर करवा के बदले की भावना वाली मानसिकता का परिचय दिया है। चौधरी प्रवीण भारतीय ने कहा कि प्रशासन ने ऐसा करके लोकतंत्र के चतुर्थ स्तंभ पत्रकारिता पर कुठाराघात करने का कुत्सित प्रयास किया गया है।
संगठन के संस्थापक सदस्य आलोक नागर ने कहा कि मुख्यमंत्री महोदय इस प्रकरण में तत्काल सीबीआई से उक्त प्रकरण की निष्पक्ष जांच कराए जाने की मांग करते हैं। यदि शीघ्र निष्पक्ष जांच कराकर निर्दोष पाए जाने पर पत्रकार को उक्त फर्जी मुकदमे से बरी नहीं किया गया तथा दोषी पाए जाने वालो को दंडित नहीं किया गया तो करप्शन फ्री इंडिया संगठन एवं क्षेत्र के अन्य समाजसेवी लोकतंत्र के चतुर्थ स्तंभ स्वतंत्रता की अभिव्यक्ति की रक्षा के लिए अन्य कदम उठाने को मजबूर होना पड़ेगा।
इस दौरान,आलोक नगर संजय भैया बलराज हूंण नीरज भाटी एडवोकेट पवन फागना रोहित भाटी आदि लोग उपस्थित रहे।