लॉक डाउन होने के बाद लाखों मजदूर दिल्ली, राजस्थान, उड़ीसा, मुंबई ,गुजरात ,बिहार ,से अपने-अपने घरों में लौट आए हैं बड़े शहरों से टेलरिंग, रसोईया, और गार्ड का काम करने वाले यह लोग अब मनरेगा के तहत मजदूरी कर रहे हैं बढ़ते आंकड़ों की बात की जाए तो मनरेगा वालों की संख्या पांच गुनी तक बढ़ गई है
आगरा थाना खंदौली कोरोनावायरस के बीच जारी लॉक डाउन में जहां एक और सभी कार्य बंद हो गए हैं वही महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना ग्रामीणों के लिए काम कराने व रोजगार का एक जरिया साबित होता है लेकिन थाना खंदौली क्षेत्र के ग्राम पंचायत नेकपुर के गांव जुरेला में जिस व्यक्ति का नरेगा का कार्ड बना है वह घर पर बैठे हैं प्रधान सुनीता बघेल और ठेकेदार प्रतापसिंह के जरिए उन मजदूरों से काम कराया जा रहा है जिनका अभी तक मनरेगा का कार्ड नहीं बना और जिनका कार्ड बना है उनको डराया व धमकाया जाता है भगा दिया जाता है इसी को देख कर वहां के मजदूरों ने मनरेगा कार्ड ना होने वालों को वहां से भगा दिया और काम बंद करा दिया इसी को लेकर तीन दर्जन से ज्यादा मनरेगा मजदूरों ने तहसील एत्मादपुर s.d.m. ज्योति राय को अपना ज्ञापन दिया 19-5-2020
वही ग्राम प्रधान सुनीता वघेल से फोन पर बात करनी चाहिए तो ग्राम प्रधान ने अपना फोन स्विच ऑफ कर लिया मजदूरों ने ग्राम प्रधान और मनरेगा ठेकेदार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गिरीशचंद्र, श्यामवीर, मोहरसिंह, दिनेश राजवीर सिंह महेंद्रसिंह रमेशचंद पूरनसिंह सत्यप्रकाश प्रदीप देवेंद्रसिंह वीरप्रतापसिंह बच्चूसिंह सन्तोष मानिकचंद गोरेलाल छोटेलाल आदि मोजूद रहे