~ आज का हिन्दू पंचांग ~ ?
⛅ दिनांक 06 मई 2020
⛅ दिन – बुधवार
⛅ विक्रम संवत – 2077 (गुजरात – 2076)
⛅ शक संवत – 1942
⛅ अयन – उत्तरायण
⛅ ऋतु – ग्रीष्म
⛅ मास – वैशाख
⛅ पक्ष – शुक्ल
⛅ तिथि – चतुर्दशी रात्रि 07:44 तक तत्पश्चात पूर्णिमा
⛅ नक्षत्र – चित्रा दोपहर 01:41 तक तत्पश्चात स्वाती
⛅ योग – सिद्धि रात्रि 08:39 तक तत्पश्चातम व्यतिपात
⛅ राहुकाल – दोपहर 12:24 से दोपहर 02:01 तक
⛅ सूर्योदय – 06:06
⛅ सूर्यास्त – 19:04
⛅ दिशाशूल – उत्तर दिशा में
⛅ *व्रत पर्व विवरण –
? विशेष – चतुर्दशी और पूर्णिमा के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
? ~ हिन्दू पंचांग ~ ?
? वैशाख पूर्णिमा ?
हिन्दू धर्म में वैशाख महिने की पूर्णिमा तिथि भी भगवान विष्णु व शक्ति स्वरूपा देवी लक्ष्मी की उपासना के लिए बहुत शुभ बताई गई है। माता लक्ष्मी को सुख-समृद्धि, धन, वैभव और ऐश्वर्य की देवी माना गया है।
?? वैशाख पूर्णिमा यानी 07 मई, गुरुवार को देवी लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए नीचे बताएँ उपाय करना भी शुभ व सुख-ऐश्वर्य देने वाला माना गया है-
?? – सुबह के साथ ही खासकर शाम के वक्त भी स्नान कर माता लक्ष्मी की प्रतिमा की सामान्य पूजा कर इस मंत्र का जप आर्थिक परेशानियों को दूर करने वाला होगा।
? – माता लक्ष्मी को लाल चन्दन, लाल अक्षत, लाल वस्त्र, लाल फूल, मौसमी फल, मिठाई अर्पित करें।
? – माता को दूध से बनी खीर का भोग लगाएं। बाद में देवी लक्ष्मी को इस वैदिक मंत्र स्तुति के उपाय का यथाशक्ति जप करें-
? ॐ श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ॥
? – पूजा और मंत्र जप के बाद घी के दीप से माता लक्ष्मी की आरती करें।
? – आरती के बाद धन प्राप्ति और सुखी जीवन की कामना करते हुए पूजा-आरती में हुई त्रुटियों के लिए क्षमा प्रार्थना करें।
? ~ हिन्दू पंचांग ~ ?
? वैशाखी पूनम ?
?? वैशाख मास की पूर्णिमा की कितनी महिमा है !! इस पूर्णिमा को जो गंगा में स्नान करता है , भगवत गीता और विष्णु सहस्त्र नाम का पाठ करता है उसको जो पुण्य होता है उसका वर्णन इस भूलोक और स्वर्गलोक में कोई नहीं कर सकता उतना पुण्य होता है | ये बात स्कन्द पुराण में लिखी हुई है | अगर कोई विष्णु सहस्त्र नाम का पाठ न कर सके तो गुरु मंत्र की १० माला जादा कर ले अपने नियम से |
?? – श्री सुरेशानंदजी Haridwar 6th May’ 2012
? ~ हिन्दू पंचांग ~ ?
? व्यतिपात योग ?
?? व्यतिपात योग की ऐसी महिमा है कि उस समय जप पाठ प्राणायम, माला से जप या मानसिक जप करने से भगवान की और विशेष कर भगवान सूर्यनारायण की प्रसन्नता प्राप्त होती है जप करने वालों को, व्यतिपात योग में जो कुछ भी किया जाता है उसका १ लाख गुना फल मिलता है।
?? वाराह पुराण में ये बात आती है व्यतिपात योग की।
?? व्यतिपात योग माने क्या कि देवताओं के गुरु बृहस्पति की धर्मपत्नी तारा पर चन्द्र देव की गलत नजर थी जिसके कारण सूर्य देव अप्रसन्न हुऐ नाराज हुऐ, उन्होनें चन्द्रदेव को समझाया पर चन्द्रदेव ने उनकी बात को अनसुना कर दिया तो सूर्य देव को दुःख हुआ कि मैने इनको सही बात बताई फिर भी ध्यान नही दिया और सूर्यदेव को अपने गुरुदेव की याद आई कि कैसा गुरुदेव के लिये आदर प्रेम श्रद्धा होना चाहिये पर इसको इतना नही थोडा भूल रहा है ये, सूर्यदेव को गुरुदेव की याद आई और आँखों से आँसु बहे वो समय व्यतिपात योग कहलाता है। और उस समय किया हुआ जप, सुमिरन, पाठ, प्रायाणाम, गुरुदर्शन की खूब महिमा बताई है वाराह पुराण में।
? विशेष ~ 06 मई 2020 बुधवार को रात्रि 08:40 से 07 मई गुरुवार को शाम 04:41 तक व्यतीपात योग है।
?? कथा स्रोत – बडोदा २००८ में १२ नवम्बर को सुबह के दीक्षा सत्र में (स्वामी सुरेशानन्द जी के सत्संग से)
? हिन्दू पंचांग संपादक ~ अंजनी निलेश ठक्कर
? हिन्दू पंचांग प्रकाशित स्थल ~ सुरत शहर (गुजरात)
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